अध्यक्ष की कलम से जारी..... | REC
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अध्यक्ष की कलम से जारी.....

अध्यक्ष की कलम से जारी.....

प्रिय मित्रों,

मुझे विद्युत वितरण यूटिलिटियों के समूह ग एवं घ श्रेणी के कर्मचारियों और वितरण फ्रैंचाइजियों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पोर्टल का प्रारंभ करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एक विस्तृत क्षमता विस्तार एवं मानव संसाधन विकास की पहलात्मक कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य देश भर में अधिक से अधिक समूह ग एवं घ श्रेणी के 75,000 कर्मचारियों तथा 40,000 फ्रैंचाइजियों (वर्तमान और भावी) और यूटिलिटियों को, 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत अर्थात् मार्च 2010 तक, आवश्यकता के आधार पर कौशल विकास का प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है।

 

इसके कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त होने पर, रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन (आरईसी)/केद्रीय ग्रामीण विद्युतीकरण संस्थान(सायर) ने इसके कार्यान्वयन में गति लाई है। जनवरी, 2011 तक, देश भर की यूटिलिटियों के समूह ग एवं घ श्रेणी के 42,157 कर्मचारियों को 1720 बैचों में प्रशिक्षित किया गया। इसी प्रकार, 557 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 19,800 फ्रैंचाइजियों को प्रशिक्षित किया गया, फलस्वरूप, प्रशिक्षित जनशक्ति का एक सशक्त पूल उपलब्ध कराया गया। इन कार्यक्रमों को विद्युत यूटिलिटियों के प्रशिक्षण संस्थानों अथवा इस प्रयोजन से सायर द्वारा इंपैनल्ड स्वतंत्र प्रशिक्षण संस्थानों ने प्रस्तुत किया।

ग एवं घ प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य, लाईनमैनों, मीटर रीडरों, बिलिंग एवं राजस्व वसूली स्टाफ आदि, जो आखिरी स्तर पर प्रचालन करते हैं, जैसे कर्मचारियों को अत्यावश्यक कौशल और सामर्थ्यता से लैस करना है, जिनकी मदद से मरम्मत और अनुरक्षण के साइकिल चक्र को कम करने, बिजली की चोरी  पर रोक, स्टाफ की सुरक्षा को बेहतर बनाने तथा उपभोक्ता संतुष्टि के स्तर को प्राप्त करने के लिए अपने प्रमुख दायित्वों को सुचारू ढंग से निष्पादित कर सके।

जहां तक फ्रैंचाइजी विकास कार्यक्रमों का संबंध है, यह विद्युत अधिनियम, 2003, के अनुरूप है, जिसमें वितरण फ्रैंचाइजियों द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण का प्रबंधन निहित है । यह पहल एक सुव्यवस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा उनका विकास करने, उनको विद्युत वितरण कारोबार के बुनियादी तथ्यों से लैस करने, कुशल जनशक्ति, जिन्हें यूटिलिटियों द्वारा वितरण फ्रैंचाइजियों के रूप में सफलतापूर्वक नियोजित किया जा सके, का पूल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से है। इस व्यवस्था से   ग्राहकों को बेहतर सेवा, राजस्व वसूली में सुधार तथा समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक क्षतियों में कमी आने की उम्मीद है। अतः यह वितरण यूटिलिटियों की व्यावसायिक व्यवहार्यता को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस पोर्टल के माध्यम से, मेरी सभी यूटिलिटियों से विशेष अपील है कि वे आगे आएं और विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित तथा आरईसी/सायर द्वारा कार्यान्वित इन दो क्षमता विस्तार पहलों का लाभ उठायें, जोकि सभी दावेदारों के हित में है।

 

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